उत्तराखंड की ग्रामीण महिलाओं की रोजमर्रा की कठिनाइयों को कम करने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना की शुरुआत की। यह योजना मुख्य रूप से महिलाओं को घर के पास ही पोषक चारा उपलब्ध कराकर उनके श्रम और समय की बचत करती है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि पहाड़ी क्षेत्रों में महिलाएं रोजाना दूर-दराज के जंगलों से चारा लाने की कठिन प्रक्रिया से मुक्त हो सकें और उन्हें पौष्टिक एवं पैक किया हुआ चारा उचित दरों पर मिल सके। इससे उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वे अन्य आयवर्धक कार्यों में समय दे सकेंगी।
योजना की प्रमुख बातें
-
महिलाओं के लिए पैक चारा (टोटल मिक्स रेशन) की आपूर्ति
-
चारा सहकारी समितियों की स्थापना
-
पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा
-
महिलाओं का समय और मेहनत की बचत
-
राज्य के दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि
लाभार्थी
-
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं
-
पशुपालन से जुड़े परिवार
-
दुग्ध उत्पादक समूह और सहकारी समितियां
क्रियान्वयन
यह योजना उत्तराखंड सहकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों के माध्यम से पौष्टिक चारा का वितरण करती है। इस चारे को वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया जाता है ताकि मवेशियों को संतुलित आहार मिले और दुग्ध उत्पादन बढ़े।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना न केवल महिलाओं के जीवन को आसान बनाती है बल्कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय को भी प्रोत्साहित करती है। यह एक अभिनव कदम है जो महिला सशक्तिकरण, पोषण और ग्रामीण विकास को एक साथ जोड़ता है।

No comments:
Post a Comment